Interview with Om P. Garg, Author of “Aam Aadmi Ka Sahasik Safar“
आम आदमी के असाधारण साहस की कहानी यह आत्मकथा संघर्ष, साहस और आत्मबोध की प्रेरणादायक यात्रा को उजागर करती है।on Jul 21, 2025
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Frontlist: आपकी आत्मकथा आम आदमी का साहसिक सफर एक प्रेरणादायक जीवन-यात्रा है। इस पुस्तक को लिखने की प्रेरणा आपको कैसे और किस मोड़ पर मिली?
Om: यह आत्मकथा लिखने की प्रेरणा मुझे मेरी दृष्टिहीनता के बाद मिली। जीवन के उस कठिन दौर में जब मैंने अंधकार को स्वीकार करना सीखा, तब आत्मचिंतन भी गहराया। मैंने सोचा कि मेरी यात्रा और अनुभवों को साझा करना न केवल मेरे लिए बल्कि दूसरों के लिए भी उपयोगी हो सकता है। यह लेखन अपने जीवन की पुनर्रचना का एक माध्यम बना।
Frontlist: इस पुस्तक में आपने एक साधारण जीवन को असाधारण बना देने वाली घटनाओं को दर्शाया है। आपके जीवन की वह कौन-सी घटना थी जिसने आपकी दिशा हमेशा के लिए बदल दी?
Om: मेरी दृष्टिहीनता एक ऐसा मोड़ था जिसने मेरी सोच, जीवनशैली और आत्मबोध को पूरी तरह बदल दिया। यह एक कठिन चुनौती थी, लेकिन उसी ने मुझे अपने भीतर झांकने और अपनी क्षमता को फिर से परिभाषित करने का अवसर दिया।
Frontlist: दृष्टिहीनता जैसी व्यक्तिगत चुनौती का सामना करने के बाद भी आपने साहस नहीं छोड़ा। क्या लेखन आपके लिए इस संघर्ष का हिस्सा बना या उससे उबरने का माध्यम?
Om: लेखन मेरे लिए एक प्रकार की आत्मचिकित्सा बन गया। यह न केवल उस संघर्ष का हिस्सा था, बल्कि उससे उबरने का एक सशक्त माध्यम भी था। शब्दों के ज़रिये मैंने अपने भीतर की शक्ति और आशा को पुनः खोजा।
Frontlist: आपने भूविज्ञान से लेकर व्यवसाय और हिमालय यात्राओं तक कई क्षेत्रों में काम किया। इस विविध अनुभव को आत्मकथा में समेटना कितना कठिन या सहज रहा?
Om: यह चुनौतीपूर्ण अवश्य था, लेकिन उतना ही आनंददायक भी। विविध अनुभवों को समेटते समय मुझे यह समझ आया कि जीवन के हर अध्याय का अपना महत्व होता है। लेखन के दौरान इन अनुभवों को समरसता के साथ प्रस्तुत करना एक रचनात्मक यात्रा बन गई।
Frontlist: “सफलता” को आपने अपने जीवन में कई अलग-अलग रूपों में देखा है। आज की युवा पीढ़ी के लिए सफलता का आपका परिभाषा क्या है?
Om: मेरे अनुसार सफलता केवल पद या धन नहीं, बल्कि आत्म-संतोष, जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण और समाज के प्रति योगदान है। आज की युवा पीढ़ी अगर इन मूल्यों को अपनाए, तो जीवन निश्चय ही समृद्ध और सार्थक होगा।
Frontlist: क्या आपको लगता है कि आम व्यक्तियों की असाधारण कहानियों को साहित्य में वह पहचान नहीं मिलती, जिसकी वे हकदार हैं? यह किताब उस गैप को कैसे भरती है?
Om: हाँ, अक्सर आम लोगों की कहानियाँ उपेक्षित रह जाती हैं, जबकि उनमें गहन प्रेरणा छिपी होती है। मेरी पुस्तक यही प्रयास है—एक आम व्यक्ति की असाधारण यात्रा को सामने लाने का, ताकि पाठक उससे जुड़ सकें और सीख सकें।
Frontlist: एक डेब्यू लेखक के रूप में अपने जीवन के निजी पहलुओं को दुनिया के सामने रखना कितना चुनौतीपूर्ण था?
Om: यह निश्चित ही चुनौतीपूर्ण था। अपने जीवन के निजी पलों को साझा करना आसान नहीं होता, लेकिन जब मुझे यह अहसास हुआ कि ये अनुभव दूसरों को प्रेरित कर सकते हैं, तो डर की जगह आत्मविश्वास ने ले ली।
Frontlist: अगर कोई पाठक आपकी पुस्तक से सिर्फ एक चीज़ लेकर जाए, तो आप चाहेंगे कि वह क्या हो—प्रेरणा, साहस या आत्मबोध?
Om: अगर कोई पाठक सिर्फ एक चीज़ ले जाए, तो मैं चाहूंगा कि वह साहस हो। जीवन में चाहे जैसी भी परिस्थिति आए, अगर हम साहस नहीं छोड़ते, तो हर चुनौती एक अवसर बन सकती है।
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